अशोक पटेल "आशु", तुस्मा, शिवरीनारायण
धमतरी जिला छत्तीसगढ़ स्वतंत्रता सेनानी मन के दृष्टि ले अड़बड़ महत्व पूर्ण स्थान रखते। एकर अलावा ए जिला हर अपन प्राकृतिक नैसर्गिक छटा, वैभव, घनघोर जंगल ले आच्छादित ए क्षेत्र ल अपन हरियर हरियर वादी ल सोभायमान करत हे। संगे–संग सम्यक प्रदेश म धान उपज म अग्रणी, ए जिला म महानदी के उद्गम स्थल नगरी सिहावा पर्वत हावय। जिहां ले कल–कलावत, निनाद करत पावन सुर सरिता चित्रोतपल्ला महानदी बहत़ हावय। अउ इही नदी म रविशंकर जलाशय बांध हावय जेहर प्रदेश के सबले बड़का बांध जेकर ऊँचाई 30.50 मीटर और लम्बाई 1830 मीटर निर्मित करे गय हावय। जेला तत्कालिक प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी जी के कर कमल से जनता ल समर्पित करे गय हावय। जे हर क्षेत्र वासी मन के लिए कोनो वरदान ले कम नईए।
पुरखा के सुरता
ए धमतरी जनपद ह धार्मिक पर्यटक स्थल के दृष्टि से भी अड़बड़ समृद्ध हावय। जिहाँ ल बिलाई माता विंध्यवासिनी मंदिर, हावय। गंगरेल म माता अंगार मोती विराजित हे, जे हर अपन वरद हस्त ले जम्मो क्षेत्र वासी मन ल अपने पुत्र के समान अपन आशीष ल प्रदान करत हावय।
बात कर थन इहां के स्वतंत्रता समर म तहसील के काय–काय भूमिका रहिस? त ए तहसील के भूमिका बहुत महत्वपूर्ण अउ अग्रणी रहिस हावय। एला कभु नई भुलाए जा सकय। इहां के अनेक गाथा हे। जे हर इतिहास के पन्ना म स्वर्ण अक्षर म सदा-सदा के लिए अंकित हो गय हावय।
हम बात करथन सन 1920 के, जे बेरा म स्वयं अंग्रेज मन के अत्याचार के खिलाफ बाबू छोटेलाल जी हर आंदोलन म किसान के नेतृत्व करिन। इही सन म अंग्रेज मन नहर विभाग के अधिकारी मन के द्वारा किसान मन ल पानी के अनुबंध कराए बर दबाव डालना शुरू कर दिन। क्षेत्र के किसान मन के उपर ए आरोप लगा दिस की एमन नहर के पानी ल चोराय हावय, जबकि ओ बेरा म सावन के महीना रहिस, जम्मो खेत मन छलकत ले भरे रहिस। किसान मन के सफाई ल अनसुना कर दिए गिस। ऊपर ले ए आरोप लगा दिन की किसान मन नहर ल काट के पानी चुराए हे। अउ ए प्रकार से 4303 रुपया के जुर्माना भी लगा दिए गिस। अउ जुर्माना नहीं पटाय के स्थिति म किसान मन के मवेशी मन ल नीलामी करे के नोटिस निकाल दिए गिस।
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अईसन बेरा म बाबू छोटेलाल जी हर अंग्रेज मन के खिलाफ आंदोलन म कूद गिस, किसान मन के नेतृत्व करिन, जेहर इतिहास के पन्ना म स्वर्ण अक्षर से दर्ज होगे। अईसे महान स्वतंत्रता सेनानी किसान के हितैषी बाबू छोटे लाल जी के जन्म हर 28 फरवरी 1889 म तहसील धमतरी जिला रायपुर म होईस।
अउ फेर बड़े हो के जब उनकर पिता जी के मृत्यु होईस त पढ़ाई–लिखाई के त्याग करके अपन विरासत खेती–बाड़ी के काम ल सम्हालना शुरू कर दिन। ए बेरा म अंग्रेजी शासन के अत्याचार ल देख के उनकर मन ह़ आक्रोशित होगे। अउ स्वतंत्रता आंदोलन के नेतृत्व करना शुरू कर दिन। अंग्रेज मन के अत्याचार से व्यथित हो के क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानी छोटेलाल जी, पंडित सुंदर लाल शर्मा, नारायणराव मेघावाले आदि मन गांधी जी ले मिले के निर्णय लिन।
ओ समय गांधी जी के कलकत्ता म अधिवेशन चल रहिस। ठीक अईसनहे बेरा म छोटेलाल जी, पंडित सुंदर शर्मा जी द्वारा बापू जी ल यहां आए के आग्रह करे गिस, अउ जिला के किसान मन के दयनीय दशा, ऊपर ले अंग्रेज मन के द्वारा लगाए गए टैक्स के मार से अवगत कराए गिस।
तब गांधी जी हर कंडेल नहर सत्याग्रह के जांच बर राजेंद्र प्रसाद चक्रधारी, राजगोपालाचार्य, सुंदर लाल शर्मा, सुभद्रा कुमारी चौहान, लक्ष्मण चौहान मन ल धमतरी भेजिस। अउ फेर का हे आंदोलन के सही–सही विस्तृत रिपोर्ट जब गांधी जी ल मिलीस, त ओहर आंदोलन ल समर्थन देह खातिर कंडेल आय के लिए तियार होगे। गांधी जी के मात्र आय के खबर ल सुनके नहर अधिकारी भी हाथ पाँव फुल गे, अउ तुरते राशि वसूली ल रद्द कर दिन।
गांधी जी हर “नहर कंडेल सत्याग्रह” के आंदोलन ल सफल ही नई करिस बल्कि क्षेत्र के किसान मन के मांग ल भी अंग्रेज मन से मनवाय म सफल होय रहिस। अउ फेर 20 दिसम्बर सन 1920 ल छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला म ग़ांधी जी के प्रथम चरण परिस। जे हर ऐतिहासिक बन गिस। किसान मन म खुशी के लहर दौड़ गिस। हर गाँव, गली, चौक, चौराहा, नगर, शहर, म गांधी जी के एक दर्शन पाए बर, उनकर स्वागत करे बर क्षेत्र की जनता के हुजूम टूट परिस। गांधी जी हर जनता के ए लाड़ प्यार ल देख के गदगद होगे।
अउ ए तरह ले गांधी जी ईहां आके जनता मन म स्वतंत्रता के अईसे बीज बोईस की देश के स्वतंत्रता प्राप्ति तक इहां के जनता, स्वतंत्रता सेनानी मन अपन तनमन ल समर्पित करके अपन महत्वपूर्ण योगदान दिन। अउ देश ल आजादी दिलाए म महत्वपूर्ण योगदान दिन, जेला कभु भुलाए नई जा सकय।