श्यामलाल चतुर्वेदी : मंदरस घोरे कस झरय जेकर बानी ले छत्तीसगढ़ी

सुशील भोले, संजय नगर, रायपुर पद्मश्री श्यामलाल चतुर्वेदी जी एक अइसन साहित्यकार रिहिन हें, जेला सरलग सुनतेच रेहे के मन लागय. मोला तो कई पइत अइसनो जनावय के उनला कविता

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सही-गलत : अवतरे हे या जमने हे…?

सुशील भोले के कलम ले.. हर भाखा के अपन मौलिक परंपरा होथे, अउ वोला सुरक्षित रखे के जवाबदारी वो भाखा-संस्कृति ल जीयइया मन के होथे। छत्तीसगढ़ी म जब ककरो घर

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