"राजीव गांधी किसान न्याय योजना"
छत्तीसगढ़ सरकार सीधा जेब म पइसा डारत हे
संवरत हे खेती, किसान मुस्कावत हे...
“छत्तीसगढ़ ला कहिथे भैया धान के कटोरा,
ये दे लक्ष्मी दाई के कोरा भैया धान के कटोरा…”
गढ़ गे नवा छत्तीसगढ़
डॉ. जीवन यदु के ये प्रसिद्ध गीत के गूंज वइसे तो बरसो बरस ले हावै, फेर सुनबे त अइसे लागथे कि ये गीत ह असल म आज के छत्तीसगढ़ के परिचय बताथे। छत्तीसगढ़ म धान के पैदावार सबले ज्यादा आज होवत हे। छत्तीसगढ़ म धान के रकबा सबले ज्यादा आज हे। छत्तीसगढ़ म धान उपजइया किसान मन के संख्या सबले ज्यादा आज हे। दिनों-दिन किसान मन के संख्या बाढ़त हे, खेती के रकबा बाढ़त हे, एखर ले पता चलथे कि खेती-किसानी म लोगन के रुचि बाढ़त हे। ये सब होय के पाछू सबले बड़े कारण ये होथे कि छत्तीसगढ़ सरकार के पहिली प्राथमिकता म खेती-किसानी अउ किसान हावै।
छत्तीसगढ़ म मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अगुवाई म सरकार बनतेच ही पहिली फैसला किसान मन के कर्जा माफी के लिये गिस। किसान मन के माली हालत सुधारे बर साल 2018 म लगभग 18 लाख 82 हजार किसान के ऊपर चढ़े लगभग 10 हजार करोड़ रुपया के अल्पकालीन कृषि ऋण ल माफ करे गिस। संगे-संग 244.18 करोड़ रुपया के सिंचाई कर ल घलो माफ करे गिस। कर्जा माफी के संग खेती-किसानी अउ किसान के दिन बहुरे लगिस। छत्तीसगढ़ के किसान कर्जा ले तो उबरिच गें, फसल के दाम घलो भरपूर पावत हें। आज छत्तीसगढ़ म किसान ल 2640 रुपया प्रति क्विंटल धान के दाम मिलत हे। देश म सबले जादा। काबर कि इहां “राजीव गांधी किसान न्याय योजना” चलत हे।
“राजीव गांधी किसान न्याय योजना” छत्तीसगढ़ सरकार के सबले महत्वपूर्ण योजना आय। भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी जी के पुण्यतिथि 21 मई 2020 ले ये योजना के सुरुआत होइस, जेला 2019 के बछर ले ‘भूतलक्षी प्रभाव’ ले लागू करे गिस। छत्तीसगढ़ सरकार ह दू साल म राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत आदान सहायता के रूप म 16 हजार 415 करोड़ 10 लाख रुपया राज्य के किसान मन के खाता म डार चुके हे। 2022-23 के बजट म ये योजना के तहत 6000 करोड़ रुपया के प्रावधान रखे गे हे। आज छत्तीसगढ़ के किसान के माली हालत सुधर गे हे,अउ उत्साहित होके किसानी करत हे, पैदावार घलो भरपूर लेवत हे। कहि सकथन कि धान के कटोरा आज छलकत हे, अउ सिरतोन म ‘धान के कटोरा’ ह ‘लक्ष्मी दाई के कोरा’ बरोबर दमकत हे।
योजना के जरूरत…
ये बात ल तो सब्बो जानथें कि छत्तीसगढ़ राज्य म लगभग 70 प्रतिशत आबादी खेती-किसानी म निर्भर हे। राज्य के अधिकांश हिस्सा म बरसा के भरोसा खेती होय ले अउ दिनों दिन खेती के खर्चा बाढ़े ले आमदनी के कोनो ठिकाना नइ राहय। उन्नत खेती के खर्चा पुर नइ पाय। ये सब ले देखत छत्तीसगढ़ सरकार ह किसान ल राहत दे बर राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू करके कृषि इनपुट सब्सिडी दे के व्यवस्था करिस।
योजना के मकसद…
सब्बो किसम के फसल के खेती ल बढ़ावा, खेती के रकबा म बढ़ावा, पैदावार म बढ़ावा, फसल के लागत के पूर्ति करके किसान के ‘शुद्ध आय’ ल बढ़ाना अउ खेती ल फेर ‘लाभकारी व्यवसाय’ के रूप म खड़ा करके जीडीपी म कृषि क्षेत्र के भागीदारी ल बढ़ाना ये योजना के मकसद आय।
इनपुट सब्सिडी राशि-
- खरीफ के सब्बो प्रमुख फसल अउ उद्यानिकी फसल उपजइया किसान मन ल हर साल 9000 रुपया प्रति एकड़
- योजना म कोदो, कुटकी, रागी उपजइया किसान मन ल घलो दिये जावत हे लाभ
- धान के बदला कोदो, कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान, केला, पपीता लगाए ले या पौधारोपण करे ले प्रति एकड़ 10,000 रुपया तीन साल तक इनपुट सब्सिडी
- राज्य के किसान मन ल 2 साल म भुगतान करे जा चुके हे 16415.10 करोड़ रुपया
- 2022-23 के बजट म ये योजना के तहत प्रावधान रखे गे हे
- 6000 करोड़ रुपया
- राज्य म 3 साल म 9 लाख 77 नवा किसान के पंजीयन
- उपार्जित धान के मात्रा म 41 लाख मीट्रिक टन के बढ़ोतरी
न्यूनतम समर्थन मूल्य म धान खरीदी –
ये साल :
- 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के अनुमान
- धान बेचे बर राज्य म 25.92 लाख किसान के पंजीयन
- 1.86 लाख नवा किसान के होय हे पंजीयन
- 2497 उपार्जन केन्द्र म होवत हे धान खरीदी