ललित मानिकपुरी
ए देस म गऊ माता के जयकारा भले लगथे, मगर असल म गऊ माता तो चारा बर घलो तरसथे। कोनो समय राजा महाराजा के घलो हैसियत ए बात ले जाने जाय कि ओखर करा के ठन गाय हे। गाय संपन्नता के प्रतीक होत रिहिस। उही देस म आज गाय के हालात दूसर पशु मन ले ले घलो गे बीते होगे हे। अईसे में धन्य हे हमर छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार, जेन हा “गोधन न्याय योजना“ बनाइस। ये योजना के जरिए आज छत्तीसगढ़ म गऊ माता के सेवा होवत हे। गऊ पालक मन ला गाय ले दूध, दही, घी तो मिलबे करत हे, गोबर अउ गौमूत्र के घलो दाम मिलत हे। गोबर अउ गौमूत्र ले जैविक खाद, दवा अउ किसम किसम के जिनिस बना के लाखों बहिनी मन बढ़िया आमदनी पावत हें। आज छत्तीसगढ़ के लाखों लोगन बर गऊ हा साक्षात लक्ष्मी अउ गोबर हा धन बन गे हे।
गऊ बनगे लक्ष्मी
खेती म जइसे जइसे मसीन मन के चलन बढ़त गिस, मवेसी मन के उपयोगिता कम होत गिस। गाय मन ला घलो दूध दूहे के बाद खुल्ला छोड़ दिए जात रिहिस। छुट्टा मवेसी मन बड़ समस्या बन गे रिहिन। खेत के फसल ला चर देत रिहिन। खेत ले भगाते त सड़क म आके बइठत रिहिन। एखर ले सड़क म एक्सीडेंट होत रिहिस। काकरो हाथ टूटत हे, काकरो पांव टूटत हे, काकरो परान छूटत हे। मवेसी मन के घलो दुर्गति होत रिहिस। अइसन समस्या पूरा देस म हे, फेर समाधान डाहर केवल छत्तीसगढ़ हा आगू बढ़े के परयास करिस।
10,687 गांव म गौठान
छत्तीसगढ़ म सुराजी गांव योजना के नरवा, गरवा, घुरवा, बारी के अंतर्गत जल संरक्षण, पसु संरक्षण, मृदा संरक्षण, पोषण व स्वास्थ्य सुरक्षा के सांझर प्रयास सुरू करे गिस। गरवा कार्यक्रम के तहत पसुधन के रक्षा अउ बढ़वार खातिर गांव-गांव म जमीन आरक्षित करके सरकार कोती ले गौठान बनाये गिस, जिहां गाय-गरवा मन बर चारा-पानी अउ छइहां के व्यवस्था करे गिस। राज्य म अब तक 10,687 गांव म गौठान बनाए के मंजूरी सरकार कोती ले दे गे हे। जेमा के 9757 गौठान के बुता हो चुके हे त अउ 753 गौठान के बुता सरलगहा चलत हे।
इहां ले होईस कायाकल्प
ए गौठान मन के महत्ता अउ बाढ़गे जब राज्य म गोधन न्याय योजना लागू होइस। 20 जुलाई 2020 हरेली तिहार के दिन ले राज्य में गोधन न्याय योजना के तहत 2 रुपया किलो म गोबर खरीदी के सुरूआत होइस। तब ले अब तक 107.75 लाख क्विंटल गोबर के खरीदी करे जा चुके हे। अउ एखर एवज म गोबर बेचईया ग्रामीण पसुपालक मन ला 215.50 करोड़ रुपया के भुगतान करे जा चुके हे।
महिला समूह मन ला 185.77 करोड़
एखर अलावा गौठान समिति अउ महिला स्व-सहायता समूह मन ला अब तब 185.77 करोड़ रुपया भुगतान करे गे हे, जेमन गोबर खरीदी करत हे अउ वो गोबर ले वर्मी कम्पोस्ट बनाये के काम करत हें। गोधन न्याय योजना के ये जम्मो हितग्राही मन ला मार्च 2023 तक 419 करोड़ 25 लाख रुपया के भुगतान करे जा चुके हे। ये कम पइसा नो हय। गोधन न्याय योजना हा आज पसुपालक किसान मन के अतिरिक्त आय के जरिया बन गे हे।
किसम-किसम के उदिम
गौठान ले जुड़े महिला मन बर रोजगार अउ आमदनी के बढ़िया बेवस्था भूपेश सरकार के ए योजना ले होवत हे। अब तो 4 रुपया लीटर म गोमूत्र घलो बिसाये जात हे। गोमूत्र ले जैविक कीटनासी ब्रम्हास्त्र अउ बढ़वार बर जीवात्म बनाये जात हे, फिनाइल बनाये जात हे। वर्मी कम्पोस्ट के अलावा गोबर ले पेंट बनाये जात हे, गोबर ले बिजली बनना भी सुरू हो गे हे। एखर अलावा अउ कई किसम के उपयोगी जिनिस गोबर ले बनाके महिला मन अपन आमदनी बढ़ावत हें।
भेंट मुलाकात म दिखिस तरक्की के झलक
मुख्यमंत्री संग भेंट-मुलाकात म कतको महिला मन बताइन कि गौठान ले जुड़के ओमन कतेक सुग्घर कमाई करत हें अउ जीवन म आगू बढ़त हें। कोनो अपन बेटी-बेटा मन ला सुग्घर पढ़ावत लिखावत हें, कोनो जेवर-गाहना लेवत हें, कोना स्कूटी, मोबाइल लेके अउ आगू बढ़े के कोसिस करत हें। अब तो गौठान मन हा महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क यानी रीपा के रूप लेवत हें। जिहां गांव के महिला मन, युवा मन छोटे-छोटे उद्योग धंधा चलाहीं। राज्य भर म 300 रीपा के सुरूआत हो चुके हे। जेखर ले गांव के युवा अउ महिला मन आत्मनिर्भर अउ स्वावलंबी बनत हें।