छत्तीसगढ़ी भाखा संस्कृति बर काम करत जान के कतकों मनखे हमन ल ए पूछ परथे, के ‘धन्यवाद’ ल छत्तीसगढ़ी म का कहिथें?
मैं जान डरथंव, के एला छत्तीसगढ़ी संस्कृति के ज्ञान कम हे। एकरे सेती छत्तीसगढ़ी के शब्द भंडार ल कमती देखाए बर या कहिन, छत्तीसगढ़ी के हिनमान करे बर वो अइसन सवाल पूछत हे।
ए बात सही हे, छत्तीसगढ़ी म ‘धन्यवाद’ के सीधा सीधा रूपांतरित शब्द नइए, फेर एला व्यक्त करे बर इहाँ के संस्कृति अउ परंपरा ल जाने समझे बर लागही।
धन्यवाद काबर दिए जाथे? जब कोनो हमर खातिर अच्छा बुता करथे, त वोकर आभार व्यक्त करे बर धन्यवाद कहे जाथे। धन्यवाद माने आभार व्यक्त करना।
छत्तीसगढ़ी म कोनो हमर बर अच्छा बुता करथे त, सिरिफ आभार भर व्यक्त नइ करन, संग म वोला शुभकामना घलो देथन। वोला कहिथन-“बने करे जी, भगवान तोर भला करय या तोर भला होय, तोर जस होय…. आदि आदि..।
मतलब हम आभार व्यक्त करे के संग शुभकामना घलो देथन। त बतावव, हमर संस्कृति परंपरा म आभार व्यक्त करना जादा अच्छा हे, सिरिफ धन्यवाद भर कहि देना ह?
संगी हो, कोनो भी भाखा के सिरिफ शब्द अउ वोकर रूपांतरित रूप भर ल देख के वो भाखा के समृद्धि ल नइ टमड़ना चाही, भलुक संग म वोकर ले जुड़े परंपरा अउ संस्कृति ल घलोक देखना अउ टमड़ना चाही, तभे हम वोकर गहराई ल जान सकथन।
सुशील भोले, संजय नजर रायपुर