रायपुर। सरगुजा संभाग के कोरिया जिला अब सिर्फ अपन प्राकृतिक सुंदरता अउ जैविक खेती बर नई, बल्कि शुद्ध, प्राकृतिक अउ जैविक शहद सोनहनी बर घलो जाने जाहि। ए संभव होए हे जिला प्रशासन, कृषि विज्ञान केंद्र अउ स्थानीय किसान मन के साझेदारी ले, जिहां आधुनिक मधुमक्खी पालन तकनीक, इटालियन मधुमक्खी अउ शुद्ध पर्यावरण ह एक नवा क्रांति के नींव रखे हे।
जिला के कलेक्टर चंदन त्रिपाठी के दूरदर्शी सोच अउ पहल ले ए परियोजना दिसंबर 2024 म शुरू होइस। ओमन ह किसान मन ल हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र भेजिन, जिहां 20 किसान मन ह सात दिवसीय विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करिन। ए 20 किसान के चयन कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जिला के विभिन्न ग्राम म फूल के उपलब्धता, जैविक खेती के क्षेत्रफल अउ कृषक के रूचि के आधार पर सर्वे ह किसान मन के चयन करे गिस। ए किसान मन ल 25-25 मधुमक्खी पेटि देय गिस, जेमा झारखंड ले लाए गिस इटालियन मधुमक्खी ल बसाए गिस।
इटालियन मधुमक्खी न केवल ज्यादा उत्पादन देथे, बल्कि ए ले प्राप्त शहद के गुणवत्ता घलो बेहतरीन होत हे। एक पेटी ले सालाना 30 ले 50 किलो तक शहद प्राप्त करे जात सकत हे। अन्य बड़का ब्रांड के तुलना म ए शहद पूरा तरह जैविक हे। बिना मिलावट, रंग या कृत्रिम शर्करा के फूल के विविधता के सेती शहद के रंग अउ स्वाद घलो भिन्न होवत हे। संतरा के फूल ले हल्का शहद त जंगल के फूल ले गाढ़ा एम्बर रंग के शहद प्राप्त होवत हे।
कोरिया जिला पहिली ले ही जैविक खेती बर प्रसिद्ध हे। इहां के जलवायु, प्रदूषण रहित वातावरण अउ फूल के भरपूर विविधता मधुमक्खी बर आदर्श हे। कृषि विज्ञान केंद्र, कोरिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक कमलेश सिंह के अनुसार, अक्टूबर ले मार्च तक के समय मधुमक्खी पालन बर सबले उपयुक्त हे।
शहद निकासी बर किसान ल एक्सट्रैक्टर मशीन दे गे हे। एखर संग ही कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा सरसो, धनिया अउ रामतिल के बीज घलो निःशुल्क देए गे हे, जेखर ले मधुमक्खी ल पराग स्रोत मिल सके। पैकेजिंग के कार्य स्थानीय स्वयं सहायता समूह करत हे, जेखर ले महिला मन ल घलो आजीविका के अवसर मिलत हे। वर्तमान म 300 ग्राम श्सोनहनीश् शहद के कीमत 175 रुपया रखे गिस हे।
इहां तैयार शहद सिर्फ पारंपरिक फूल ले नई, बल्कि महुआ, पलाश, अर्जुन, नीम, हर्रा-बहेड़ा जइसन औषधीय पेड़ ले घलो एकत्र होत हे, जेखर ले ए खनिज अउ एंटीऑक्सीडेंट ले भरपूर होवत हे।
शुरुआती चरण म किसान मन ह दिसंबर 2024 ले जनवरी 2025 तक स्थानीय बाजार औऱ बिहान मेला म लगभग 30,000 रुपया के शहद बेचिन हे, जेखर ले आय ओमन ह समान रूप ले वितरित करे गिस। ए पहल जिला खनिज न्यास संस्थान के मदद ले चलाए जात हे, जेखर ले उद्देश्य किसान मन के आजीविका ल सशक्त बनाना हे।
कलेक्टर चंदन त्रिपाठी के माने हे कि ए पहल न केवल किसान मन ल आत्मनिर्भर बनाहि, बल्कि कोरिया जिला ल शुद्ध शहद उत्पादन म अग्रणी घलो बनाहि। उखर कहिना हे हमर उद्देश्य किसान मन ल आर्थिक रूप सशक्त बनाना हे। ‘सोनहनी’ शुद्धता के प्रतीक बनहि अउ एखर ले जिला ल एक नवा पहचान मिलहि।
निश्चित ही सोनहनी न सिर्फ शहद हे, बल्कि ए कोरिया के किसान मन के आत्मविश्वास, नवाचार अउ बदलाव के कहानी हे। अवइया बछर म ए पहल न केवल स्थानीय बाजार, बल्कि राष्ट्रीय स्तर म घलो अपन मिठास बिखेरहि।