थोड़किन बेरा म गरमा गरम छत्तीसगढ़ी देसी नास्ता खाना हे त ए पोस्ट आप मन बर हे। ए पोस्ट म हमन आज बताबो कि जल्दी तैयार होवईए ए स्वादिस्ट अऊ हेल्दी नास्ता ल कईसे बनाए जाथे। छत्तीसगढ़ ल धान के कटोरा कहे जाथे। अऊ इहां के ज्यादातर व्यंजन मन चावल के बनथे। काबर कि एला आसानी ले बनाए जा सकथे। छत्तीसगढी नाश्ता के खास बात ए हरे कि रात के बचे खाना ल घलो उपयोग म लाके सुघ्घर नाश्ता तैयार करे जा सकथे।
छत्तीसगढ़ी चावल चीला
छत्तीसगढ़ म बिहनिया के नास्ता म सबले ज्यादा चीला अऊ पताल के चुरपुर चटनी ल पसंद करे जाथे। एला चउंर के पिसान म नमक डालके पानी मिलाके घोल तैयार कर ले जाथे। घोल ल गोल आकार म तवा म दोसा कस बिछा के धीमा आंच म 5 मिनट पकाए जाथे। एखर बार चीला ल गरम-गरम पताल के चटनी संग खाए जाथे।
गुड़ वाला बोबरा चीला
बोबरा चीला छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाका म जबर लोकप्रिय हे। एला बोबरा रोटी घलो कहे जाथे। एला बनाए बर चउंर ला रात भर भीगा के रखे के बाद बिहनिया एमा गुड़ मिलाके पीसे जाथे। एखर बाद एला चीला कस कम आंच म पकाए जाथे।
अंगाकर रोटी
अंगाकर रोटी गोबर के कंडा ले पकाए जाथे। एला बनाए बर चउंर के पिसान ल रात के बचे भात ल मिलाके गरम पानी अऊ नून संग गूंथे जाथे। एखर बाद हल्का तेल लगाके एखर पेस्ट ल तवा म डालके पत्ता ले ढंके जाथे। ओखर उपर जलत कंडा या छेना ल रखे जाथे। चूल्हा के आगी ल बुझा के एला अंगरा म सेके जाथे। जलत आगी बुझाए के बाद मनपंसद चटनी संग ए रोटी ल खाए जाथे।
चउंर के फरा
रात म बचे भात ले फरा बनाए जाथे। रात म बचे भात ल पानी म डूबा के रखे जाथे जेखर बार बिहनिया ओखर पानी ल निचोड़ के एमा चउंर के पिसान अऊ नून मिलाके गूथे जाथे। चाहन छोटे छोटे गोला बनाके ओला अंगरी कर लम्बा लम्बा बेल दे जाथे। फेर गरम तेल म तिल्ली, मीठा पत्ती, अऊ हरा मिरची के तड़का लगाए जाथे। ओखर बाद एमा पानी डालके ढंक दे जाथे। पानी के उबले के बाद ओमा जेन फरा ल बनाए हन ओला डाल दे जाथे अऊ ढंकके पकाए जाथे।
गुलगुल भजिया
छत्तीसगढ़ म गुलगुल भजिया बड़ फेमस हे। देसी मीठ आईटम म गुलगुल भजिया के बात ही कुछ अऊ हे। एला बनाए बर चउंर के पिसान ल गुड़ के पानी में मिलाए जाथे। ओखर बाद नारियल, सौफ ल एमा मिला के गूंथे जाथे। छोटे छोटे भजिया कस एला तेल म फ्राई करे जाथे।