Arai Tutari अरई तुतारीArai Tutari अरई तुतारी
Notification Show More
Latest News
विशेष लेख : सोनहनी शहद ले नवा क्रांती, इटालियन मधुमक्खी ल गिस बसाए
लेख - आलेख
विशेष लेख : अबूझमाड़ अब नई रहिगे अबूझ, इंहा घलो होवत हे विकास
लेख - आलेख
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 48 जोड़ा परिणय सूत्र म बंधायिन
Uncategorized
बिलासपुर जिला म अवैध उत्खनन म कसे शिकंजे
समाचार
गलगम पहुंचिन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, जवान मन के हौसला बढ़ायिन
समाचार
Aa
  • समाचार
  • गढ़गे नवा छत्तीसगढ़
    गढ़गे नवा छत्तीसगढ़Show More
    बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन
    May 11, 2025
    ‘सुशासन तिहार’ ले ग्रामीण मन ल मिलत हे नवा जिनगी
    May 11, 2025
    जनसेवा के नवा जरिया बनिस सुशासन तिहार-2025
    May 10, 2025
    सुशासन तिहार-2025 म मत्स्य कृषक मन के आवेदन के होइस निराकरण, मिलिस मछरी जाला
    May 10, 2025
    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ह देश के पहली हाइड्रोजन फ्यूल ट्रक ल दिखायिन हरा झंडा
    May 10, 2025
  • लेख – आलेख
  • पुरखौती / पर्यटन
    पुरखौती / पर्यटनShow More
    The strange Ghaghra Temple
    एमसीबी जिला के बिचित्र घाघरा मंदिर
    May 7, 2025
    गगनाई जलप्रपात
    प्रकृति प्रेमी मन बर खास जगह हे गगनई जलाशय
    May 7, 2025
    मटपरई शिल्प
    मटपरई शिल्प कला अउ अभिषेक सपन..
    May 7, 2025
    शिमला नोहे.. छत्तीसगढ़ के एक ठिहा जिहां भुईयां म उतर आथे आगास के बदरा
    April 23, 2023
    Maghi Punni Mela, a gathering of faith, devotion and faith
    श्रद्धा, भक्ति, विश्वास के समागम माघी पुन्नी मेला
    April 23, 2023
  • पुरखा के सुरता
    पुरखा के सुरताShow More
    suruj bai khande
    सुरुज बाई खांडे: लोकगाथा भरथरी ल सपुरा देश विदेश म बगरइया हमर पुरखा दाई
    May 7, 2025
    पालेश्वर शर्मा
    पालेश्वर शर्मा जी : 1 मई जनम दिन बिसेस सुरता
    May 7, 2025
    पुरखा के सुरताः श्यामलाल चतुर्वेदी
    श्यामलाल चतुर्वेदी : मंदरस घोरे कस झरय जेकर बानी ले छत्तीसगढ़ी
    April 23, 2023
    परमानंद भजन मंडली के त्रिमूर्ति गुरु म शामिल रहिन विकल जी
    April 22, 2023
    शब्दभेदी बाण चलइया कोदूराम जी वर्मा….
    April 22, 2023
  • कविता
    कविताShow More
    आभार सवैया
    July 21, 2024
    arai tutari kavya
    इही म बसे छत्तीसगढ़ महतारी हे
    April 21, 2023
    arai tutari kavya
    घर के छानी ले सुरुज झांके
    April 21, 2023
    arai tutari kavya
    माटी हमर धरोहर
    April 21, 2023
    arai tutari kavya
    डोंगरी पहाड़ जाबो
    April 21, 2023
  • कहानी
  • पत्रिका
Reading: भोरमदेव: छत्तीसगढ़ के खजुराहो
Share
Aa
Arai Tutari अरई तुतारीArai Tutari अरई तुतारी
  • समाचार
  • गढ़गे नवा छत्तीसगढ़
  • लेख – आलेख
  • पुरखौती / पर्यटन
  • पुरखा के सुरता
  • कविता
  • कहानी
  • पत्रिका
  • समाचार
  • गढ़गे नवा छत्तीसगढ़
  • लेख – आलेख
  • पुरखौती / पर्यटन
  • पुरखा के सुरता
  • कविता
  • कहानी
  • पत्रिका
Have an existing account? Sign In
  • Complaint
  • Advertise
© 2022 Araitutari Media All Rights Reserved.
Arai Tutari अरई तुतारी > Blog > पुरखौती / पर्यटन > भोरमदेव: छत्तीसगढ़ के खजुराहो
पुरखौती / पर्यटन

भोरमदेव: छत्तीसगढ़ के खजुराहो

Araitutari Editor By Araitutari Editor Published April 23, 2023
Share
bhoramdeo
bhoramdeo
SHARE
महेन्द्र देवांगन "माटी"
 जिला - कबीरधाम (छत्तीसगढ़)

हमर देश में छत्तीसगढ़ के अलग पहिचान हे। इंहा के संस्कृति, रिती रिवाज, भाखा बोली, मंदिर देवाला, तीरथ धाम, नदियां नरवा, जंगल पहाड़ सबके अलगे पहिचान हे। हमर छत्तीसगढ़ में कोनों चीज के कमी नइहे। फेर एकर सही उपयोग करे के जरुरत हे। इंहा के परयटन स्थल मन ल विकसित करे के जरुरत हे।

बहुत अकन परयटन स्थल के विकास अभी भी नइ होहे। जब तक सरकार ह एकर ऊपर धियान नइ दिही तब तक एकर विकास नइ हो सके। कबीरधाम जिला में एक जगा हे भोरमदेव एला छत्तीसगढ़ के खजुराहो भी कहे जाथे। काबर कि जइसे खजुराहो के मंदिर में चित्रकला उकेरे गेहे ओइसने चित्रकला इंहा के मंदिर में भी देखे बर मिलथे।

भोरमदेव ह कवर्धा से 17 कि. मी. दूर घना जंगल के बीच में स्थापित हे।इंहा जाय बर पक्की सड़क बन गेहे अऊ मोटर गाड़ी के बेवस्था घलो हे। आजकाल जंगल भी कटा गेहे त जंगली जानवर के उतना डर नइहे । पहिली के सियान मन बताथे कि भोरमदेव के तीर में जाय बर आदमी मन डरराय। काबर कि उंहा घनघोर जंगल रिहिसे अऊ जंगली जानवर शेर भालू के डेरा रिहिसे। अब मनखे के आना जाना बाढ़गे अऊ जंगल ह कटागे त जानवर मन के भी अता पता नइ चले।

प्राचीन मंदिर

भोरमदेव मंदिर ह बहुत प्राचीन मंदिर हरे। मंदिर के अंदर में शिवलिंग स्थापित हे। इंहा के मूरतीकला अऊ सुंदरता ह देसभर में परसिद्ध हे। एहा जैन, वैष्णव, शैव सबो मत के आदमी के तीरथधाम हरे। इंहा सब परकार के मूरती लगे हुए हे। ये मंदिर ल नागवंशी राजा देवराय ह 11 वीं सताब्दी में बनवाय रिहिसे।

भोरमदेव नाम कइसे परीस

भोरमदेव नाम के पिछे कहे जाथे कि गोंड राजा मन के देवता शिवजी हरे, जेला बूढ़ादेव, बड़ेदेव अऊ भोरमदेव भी कहे जाथे । एकरे सेती एकर नाम भोरमदेव परीस ।

कला शैली

मंदिर के मुंहू पूर्व दिसा के डाहर हे। ए मंदिर ह नागर सैली के सुंदर उदाहरन हरे। मंदिर में तीन तरफ से परवेस करे जा सकथे। एला पांच फूट ऊंचा चबूतरा में बनाय गेहे। अइसने मंदिर बहुत कम देखे बर मिलथे। मंडप के लंबाई ह 60 फूट अऊ चौड़ाई ह 40 फूट हे। मंडप के बीच में चार खंभा अऊ किनारे में 12 खंभा बनाय गेहे। जेहा मंदिर के छत ल सम्हाल के रखे हे। सब खंभा में बहुत ही सुंदर चित्र बनाय गेहे। मंडप में लछमी बिसनु अऊ गरुड़ के मूरती रखे गेहे। भगवान के धियान में बइठे एक राजपुरुस के मूरती भी रखे हुए हे।

गर्भगृह

मंदिर के गर्भगृह में बहुत अकन मूरती रखे गेहे अऊ एकर बीच में शिवलिंग स्थापित करे गेहे। पंचमुखी नाग अऊ गनेस जी के मूरती भी रखाय हे।

बाहरी दीवार

मंदिर के चारो डाहर बाहरी दीवार में शिव, चामुंडा, गनेस, लछमी, बिसनु, वामन अवतार आदि के मूरती लगे हुए हे।

मड़वा महल

भोरमदेव मंदिर से एक किलोमीटर के धुरिहा में एक ठन अऊ शिव मंदिर हे जेला मड़वा महल या दूल्हा देव मंदिर के नाम से जाने जाथे। ए मंदिर के निरमान ल 1349 ई. में फनी नागवंशी शासक राजा रामचंद्र देव करवाय रिहिसे। कहे जाथे ए मंदिर के निरमान ल अपन बिहाव के उपलक्छ में करवाय रिहिसे। माने ओकर बिहाव ह इही जगा में होय रिहिसे। मड़वा के मतलब होथे मंडप। जेला बिहाव के समय में बनाय जाथे। स्थानीय बोली में एला मड़वा कहे जाथे। एकरे पाय एला मड़वा महल के नाम से जाने जाथे। मड़वा महल के बाहरी दीवार में 54 ठन कामसूत्र के मूरती उकेरे गेहे। एकर माध्यम से समाज में स्थापित गृहस्थ जीवन के अंतरंगता ल दरसाय गेहे।

छेरकी महल

भोरमदेव मंदिर के दक्षिन पश्चिम दिशा में एक किलोमीटर के धुरिहा में एक अऊ मंदिर हे जेला छेरकी महल के नाम से जाने जाथे। ए मंदिर के निरमान भी फनी नागवंशी राजा के शासन काल में होहे। अइसे बताय जाथे कि ए मंदिर के निरमान ल बकरी चरवाहा मन के लिये बनाय गे रिहिसे। ताकि बकरी चरात चरात इंहा बइठ के सुरता सके। छत्तीसगढ़ी में बकरी ल छेरी कहे जाथे। एकरे पाय ए महल के नाम छेरकी महल परे हे।

भोरमदेव महोत्सव

भोरमदेव के विकास करे बर सरकार ह हर संभव परयास करत हे। इंहा के सुंदरता ल बढ़ाय खातिर अऊ परयटक मन ल आकरसित करे बर चैत मास में भोरमदेव महोत्सव के भी आयोजन करे जाथे। जेमे छत्तीसगढ़ अऊ बाहिर के कलाकार मन ह आके अपन कला के परदरसन करथे।

आवासीय सुविधा

इंहा परयटक मन के लिए रुके के भी बेवस्था करे गेहे। लोक निरमान विभाग ह विसराम घर भी बनाहे ।जिला मुख्यालय कवर्धा में भी विसराम घर, होटल अऊ लाज के बेवस्था हे।

पहुंचे के रास्ता

भोरमदेव रायपुर से 135 किलोमीटर के दूरी में हे। दुरुग भिलाई से भी लगभग ओतकीच धुरिहा परही। इंहा जाय बर पक्की सड़क अऊ यात्री बस के सुविधा हे।

You Might Also Like

विशेष लेख : सोनहनी शहद ले नवा क्रांती, इटालियन मधुमक्खी ल गिस बसाए

विशेष लेख : अबूझमाड़ अब नई रहिगे अबूझ, इंहा घलो होवत हे विकास

गलगम पहुंचिन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, जवान मन के हौसला बढ़ायिन

जशपुर जिला के 4322 ग्रामीण मन ल मिलिस नवा आशियाना, कराए गिस गृह प्रवेश का कार्यक्रम

छत्तीसगढ़ के पहिचान बनहि नवा विधानसभा भवन, सितम्बर 2025 तक निर्माण पूर्ण करे के दिन निर्देश

TAGGED: Arai Tutari, bhoramdeo, hamar purkhouti, khajuraho of chhattisgarh, अरई तुतारी, छत्तीसगढ़ का खजुराहो, भोरमदेव, हमर पुरखौती
Araitutari Editor April 23, 2023
Share this Article
Facebook Twitter Email Print
Previous Article MAFI DEV SARKAR माफ़ी देव सरकार….! (कहानी)
Next Article CM celebrated Akti festival by driving a tractor हमर मुखिया के परयास ले बगरत हे छत्तीसगढ़ियापन के अलख
Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Arai Tutari अरई तुतारीArai Tutari अरई तुतारी

© Araitutari Media All Rights Reserved.

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?