जाड़ के दिन म दंदकथे अउ गरमी के दिन म बने जूड़-जूड़ लागथे! का हा? माटी के घर हा! माटी के घर माने पुराना जमाना के एयरकंडिशन हाउस। घर जब माटी के होवत रिहिस, त गोबर ले अंगना, दुआर, परछी, कुरिया सब्बो लीपावत रिहिस अउ पींवरी छूही ले पूरा घर पोतावत रिहिस। हमर पुरखा मन गाय के गोबर और छूही माटी के प्राकृतिक गुन ला बहुत अच्छा ढंग ले जानत रिहिन अउ अपन घर-दुआर ला साफ-सुथरा, सुंदर अउ सुरक्षित बनाय बर इंखर बढ़िया उपयोग करत रिहिन। समय के साथ माटी के घर नंदावत गिस अउ गोबर-छूही ले लीपई-पोतई घलो नंदावत गिस। फेर छत्तीसगढ़ ह तो अब किरिया खा डरे हे, कि जतका बने-बने चीज नंदावत रिहिस तेला नई नंदावन देना हे। गोबर ले तो पहिली लीपई भर होवत रिहिस, अब तो पोतई घलो होवत हे। गांव दीदी-बहनी मन गोबर ले अंगना-दुआर लीपत रिहिन, ओमन अब गोबर ले पेंट बनावत हें। अउ पेंट भी अइसे-वइसे न ही, गोबर ले बने प्राकृतिक पेंट हा रंगत अउ क्वालिटी म बड़े-बड़े मल्टीनेसनल कंपनी मन के पेंट ला टक्कर देवत हे। जेन ढ़ंग ले एखर चर्चा होवत हे अइसे लागत हे कि बहुत जल्दी प्राकृतिक गोबर पेंट के धूम मचने वाला हे।
असल म हमर छत्तीसगढ़ सरकार हा नवा सोच के साथ गोबर ले प्राकृतिक पेंट बनाय के नवाचार सुरू करिस। रायपुर के जरवाय गौठान म एखर सुरुआत होइस। सरकार के प्रयास अउ गौठान ले जुड़े दीदी मन के मेहनत रंग लाइस। बहुत अच्छा क्वालिटी के गोबर पेंट बनाय म सफलता मिलिस। गोबर ले प्राकृतिक पेंट बनाए के नवाचार अब राज्य के अलग-अलग इलाका म फैलत हे।
छत्तीसगढ़ सरकार ह राज्य के 21 जिला म 45 यूनिट गोबर पेंट बनाय के स्वीकृत करे हे। जेमा 13 ठन यूनिट म उत्पादन सुरू हो चुके हे अउ 32 यूनिट अभी लगत हे। 13 यूनिट म गोबर के प्राकृतिक पेंट बनाय के संगे-संग ओखर बिक्री घलो करे जावत हे। अब तक करीब 30 हजार 218 लीटर प्राकृतिक पेंट के उत्पादन करे जा चुके हे, जेखर ले 29 लाख 16 हजार रुपया ले जादा के आय महिला समूह मन ला हो चुके हे। कुछ दिन पहिली छत्तीसगढ़ सरकार हा राज्य के जम्मो सरकारी भवन के पोताई गोबर पेंट ले करे के आदेस करे हे। एखर बाद तो पूरा देस म गोबर ले बने प्राकृतिक पेंट चर्चा म आ गे हे।
सस्ता अउ बढ़िया इको-फ्रेंडली पेंट
बाजार म जउन प्रीमियम क्वालिटी पेंट मिलथे ओखर तुलना म ये प्राकृतिक पेंट के कीमत 30 ले 40 परसेंट कम हे। माने बहुत सस्ता हे, फेर क्वीलिटी एक नंबर हे। अउ सबले बड़े खासियत ये हे कि गोबर ले बने पेंट म पूरा प्राकृतिक तत्व समाए हे, जेखर ले ये पेंट हा एन्टी बैक्टीरिया, एंटीफंगल, इको-फ्रेंडली, नॉन टॉक्सिक हे। यानी ये पेंट हा घर-मकान ला एक किसिम ले हानिकारक बैक्टीरिया, फंगल आदि ले सुरक्षा कवच देथे। केमिकल पेंट बनाने वाला मल्टीनेशनल कंपनी मन के तुलना म गोबर ले बने प्राकृतिक पेंट सस्ता अउ इको-फ्रेंडली हे।
37 यूनिट स्थापित करे जावत हें
पूरा राज्य म अब तक 9591 गौठान बना चुके हे, जिहां गोधन न्याय योजना के तहत 2 रुपया किलो के भाव म गोबर खरीदे जावत हे। राज्य के ये गौठान मन ले 11 हजार 477 महिला समूह मन के 1 लाख 31 हजार 898 महिला सदस्य मन जुड़े हें अउ ओमन गोबर खरीदी के साथ बहुत बड़े पैमाना म वर्मी कम्पोस्ट खाद बनावत हें। संगे-संग गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूरती, गमला जइसे कतको जिनिस बनावत हें, सब्जी-भाजी, फुटू उत्पादन करत हें, मछरी, छेरी, कुकरी पालन करत हें। आय मूलक गतिविधि मन ला बढ़ाय बर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गौठान मन ला महात्मा गांधी ग्रामीण औद्यौगिक पार्क के रूप में विकसित करे जावत हे। उही म गोबर पेंट बनाय के 37 यूनिट स्थापित करे जावत हें।
अपन जिनगी म भरत हें नवा रंग
जेला बस्तर के मुहाटी केहे जाथे वो कांकेर जिला के वनांचल म बसे सराधु नवागांव के गौठान म आदिवासी महिला मन गोबर ले बड़े पैमाना म प्राकृतिक पेंट बनावत हें। जेखर रंगत अतेक बढ़िया हे कि मल्टीनेसनल कंपनी मन के पेंट मन ला फिक्का कर दे हे। अचरज होथे कि बहुते कम समय म ये महिला मन अपन लगन अउ मेहनत ले 5000 लीटर ले जादा पेंट के उत्पादन कर चुके हें, अउ बिक्री लगातार करत हें, जेखर ले ओमन ला बढ़िया आय होवत हे। प्राकृतिक पेंट बनाके आदिवासी महिला मन अपन जिनगी म खुसहाली के नवा रंग भरत हें। अवइया समय म जब सब्बो 45 यूनिट म गोबर पेंट के उत्पादन अउ बिक्री होय लगही तब तो सिरतोन म इहां के गोबर पेंट के धूम मचही।