कविता इही म बसे छत्तीसगढ़ महतारी हे By Araitutari Editor Published April 21, 2023 Share arai tutari kavya SHARE अशोक पटेल "आशु", तुस्मा (शिवरीनारायण) तोर से दाई मोर पूछ-पुछारी हे।तोर से ही दाई मोर चिन्हारी हे।तोर से ही मोर संगी-संगवारी हे।तोर से ही मोर गाँ-घर-दुवारी हे।इही म बसे हावे छत्तीसगढ़ महतारी हे।बागे-बगईचा-फूल- फुलवारी हे।खेत-खार रुनझुन हरियर- बारी हे।कन्हार-माटी- बरनहा-कछारी हे।गेरू-लाली अउ छुही-उजियारी हे।इही म बसे हावे छत्तीसगढ़ महतारी हे।पान-पतई-आउ खदर के छानी हे।परसा-झिपारी अउ राहेर-काड़ी हे।उघरा मोहाटी पुटरूस के दुवारी हे।छीन-भिरहा के रुधना अउ बारी हे।इही म बसे हावे छत्तीसगढ़ महतारी हे।गांव म गउठान अउ खेत-खारी हे।बर-पीपर के रुखुवा म सिंगारी हे।नान्हे-नान्हे लईका के किलकारी हे।माटी के बईला म करय सवारी हे।इही म बसे हावे छत्तीसगढ़ महतारी हे।इही म सियनहा के आंट-दुवारी हे।गां म बने मुखिया के पूछ-पुछारी हे।ठलहा पटवा आंटय ढेरा-भवांरी हे।जेखर बनावे सिका गेरवा-जोतारी हे।इही म बसे हावे छत्तीसगढ़ महतारी हे।अशोक पटेल “आशु”, तुस्मा (शिवरीनारायण) You Might Also Like आभार सवैया “धान के कटोर’’ बन गे अब देश के “मिलेट हब’’.. पहिली राज्य जिहां समर्थन मूल्य म होवत हे खरीदी नंदावत हे हमर छत्तीसगढ़ के ए कलेवा.. जेखर सुआद म हमर माटी के हे चिन्हारी छत्तीसगढ़ी हाना भाग- दो छत्तीसगढ़ी हाना भाग-एक TAGGED: Arai Tutari Kavya, chhattisgarhi, Chhattisgarhi Kavita, Kavita, shayri Araitutari Editor April 21, 2023 Share this Article Facebook Twitter Email Print Previous Article घर के छानी ले सुरुज झांके Next Article बजट के डोंगा म सवार “कका” के नवा दांव Leave a comment Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment * Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ