रायपुर। कभु बरसात के बाद सूख जाए वाला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला के मोरघनिया नाला अब पूरा साल खेत ल सींचत हे। खड़गवां जनपद के ग्राम पंचायत बरदर म मनरेगा के तहत बने एक पक्का चेक डेम ह गांव के किसान मन के किस्मत ही बदल दे हे। जिहां पहली बारिश के पानी बहकर यूं ही चले जात रीहिन, अब उही पानी खेत के प्यास बुझात हे अउ किसान मन के चेहरा म मुस्कान लात हे।
बरदर गांव के तीर बइया मोरघनिया नाला एक मौसमी नाला हे। बरसात म त ए उफान म रहिथे, लेकिन जइसन ही बरसात खत्म होथे, ए पूरा तरह सूख जात रीहिस। एखर ले गांव के किसान सिर्फ एक फसल ही ले पात रीहिन अउ गर्मी के दिन म पशु मन बर घलो पानी के किल्लत हो जात रीहिन। लेकिन बीता साल गांव के तस्वीर बदलना शुरू होहि, जब महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत ए नाला म एक पक्का चेक डेम बनाए के फैसला ले गिस। ग्राम सभा के स्वीकृति के बाद यह काम ग्राम पंचायत बरदर ल सौंपे गिस। ए काम समय म अउ गुणवत्ता के संग पूरा करे गिस। चेक डेम बनत ही बदलाव दिखे बर लगिस। अब ए डेम के कारण नाला म एक किलोमीटर तक बैकवाटर बने हे अउ आसपास के जल स्तर घलो बढ़े हे। गांव के किसान अब पंप के सहारा अपन खेत म आसानी ले सिंचाई कर पात हे।
गांव के सत्यनारायण, फागुनाथ सिंह, बलदेव, बाबूलाल, राजकुमार, सुरेश अउ शिवप्रसाद जइसन करीब 20 किसान अब दु से तीन फसल लेन लगे हे। गर्मी के ए समय म घलो एखर खेत म उड़द अउ सब्जियां लहलहात हे। पहली जहां सिर्फ धान के खेती होत रीहिन, अब किसान गेहूं, सब्जी अउ दलहन मन के घलो खेती करत हे। एखर ले ओमन ह अच्छा मुनाफा घलो होवत हे। चेकडेम निर्माण कार्य ले गांव म 1000 ले ज्यादा मानव दिवस के रोज़गार घलो सृजित होइन।